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Silsila Ye Chaahat Ka Lyrics in Hindi
Silsila Ye Chaahat Ka Lyrics in Hindi
मौसम ने ली अंगड़ाई आई, आई
लहराके बरखा फिर छाई, छाई, छाई
झोंका हवा का आएगा और ये दीया बुझ जाएगा
सिलसिला ये चाहत का
न मैंने बुझने दिया
ओ पिया, ये दीया
ना बुझा है ना बुझेगा
मेरा चाहत का दीया
मेरे पिया, अब आजा रे मेरे पिया
इस दीप संग जल रहा
मेरा रोम-रोम-रोम और जिया
अब आजा रे मेरे पिया
हो मेरे पिया…
फ़ासला था दूरी थी
था जुदाई का आलम
इंतज़ार में नज़रें थी
और तुम वहाँ थे
झिलमिलाते जगमगाते खुशियों में झूम कर
और यहाँ जल रहे थे हम
फिर से बादल गरजा है
गरज-गरज के बरसा है
झूम के तूफाँ आया है
पर तुझको बुझा नहीं पाया है
ओ पिया, ये दीया
चाहे जितना सताये तुझे ये सावन
ये हवा और ये बिजलियाँ
मेरे पिया…
देखो ये पगली दीवानी
दुनिया से है अनजानी
झोंका हवा का आएगा
और इसका पिया संग लाएगा
हो पिया, अब आजा रे मेरे पिया
सिलसिला ये चाहत का
न दिल से बुझने दिया
ओ पिया, ये दीया.. ..
Silsila Ye Chaahat Ka Lyrics in Hindi