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सौ तरह के – Sau Tarah Ke Lyrics in Hindi

सौ तरह के – Sau Tarah Ke Lyrics in Hindi

सौ तरह के – Sau Tarah Ke Lyrics in Hindi

कल सुबह सोचेंगे जो आज रात किया
कल सुबह गिन लेंगे सारी गलतियां.
तू मेरा अभी
फिर हम मिलेंगे न कभी…

कल सुबह चले जायेंगे है घर जहां.
कल सुबह बोले जो भी बोलेगा जहां.
तू मेरा अभी
फिर हम मिलेंगे न कभी…

सौ तरह के रोग ले लूं.
इश्क़ का मर्ज़ क्या है.
सौ तरह के रोग ले लू.
इश्क़ का मर्ज़ क्या है.

तू काहे तोह जान दे दूँ.
कहने में हर्ज क्या है.
सौ तरह के रोग ले लूं.
इश्क़ का मर्ज़ क्या है.

बाहों को बाहों में दे दे तू जगह.
तुझसे तोह दो पल का मतलब है मेरा.

तेरे जैसे ही मेरा भी दिल खुदगर्ज़ सा है
तेरे जैसे ही मेरा भी दिल खुदगर्ज़ सा है
तू काहे तोह जान दे दूँ
कहने में हर्ज क्या है…

सौ तरह के रोग ले लूं
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सो तरह के रोग ले लू
इश्क़ का मर्ज़ क्या है

कल सुबह तक झूठा भला प्यार कर
कल सुबह तक झूठी बातें चार कर
तू मेरा अभी
फिर हम मिलेंगे न कभी…

तू काहे तोह जान दे दूँ
कहने में हर्ज क्या है…

सौ तरह के रोग ले लूं
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सो तरह के रोग ले लू
इश्क़ का मर्ज़ क्या है.. ..

सौ तरह के – Sau Tarah Ke Lyrics in Hindi

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