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Bhar Do Jholi Meri Lyrics in Hindi
तेरे दरबार में दिल थाम के वो आता है
जिसको तू चाहे, हे नबी तू बुलाता है
तेरे दर पर सर झुकाए मैं भी आया हूँ
जिसकी बिगड़ी हाय नबी चाहे तू बनाता है
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली
भर दो झोली मेरी या मुहम्मद
लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली
बंद दीदों में भर डाले आँसू
सिल दिए मैंने दर्दों को दिल में
जब तलक तू बना दे ना बिगड़ी
दर से तेरे ना जाए सवाली
भर दो झोली मेरी…
भर दो झोली, आका जी
भर दो झोली, हम सबकी
भर दो झोली, नबी जी
भर दो झोली मेरी सरकार-ए-मदीना
लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली
खोजते-खोजते तुझको देखो
क्या से क्या या नबी हो गया हूँ
बेखबर दर-ब-दर फिर रहा हूँ
मैं यहाँ से वहाँ हो गया हूँ
दे दे या नबी मेरे, दिल को दिलासा
आया हूँ दूर से मैं हो के रुआँसा
कर दे करम नबी, मुझ पे भी ज़रा सा
जब तलक तू, जब तलक तू
पनाह दे ना दिल की
दर से तेरे ना जाए सवाली
भर दो झोली मेरी…
जानता है ना तू क्या है दिल में मेरे
बिन सुने गिन रहा है न तू धड़कनें
आह निकली है तो चाँद तक जायेगी
तेरे तारों से मेरी दुआ आएगी
ऐ नबी हाँ कभी तो सुबह आएगी
जब तलक तू सुनेगा ना दिल की
दर से तेरे न जाए सवाली
भर दो झोली मेरी…
दे तरस खा तरस मुझपे आका
अब लगा ले तू मुझको भी दिल से
जब तलक तू मिला दे ना बिछड़ी
दर से तेरे न जाए सवाली
भर दो झोली मेरी…
भर दो झोली, आका जी
भर दो झोली, हम सबकी
भर दो झोली, नबी जी
भर दो झोली मेरी सरकार-ए-मदीना
लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली
दम-दम अली-अली दम अली-अली
दम अली-अली दम अली-अली…
Bhar Do Jholi Meri Lyrics in Hindi