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Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics in Hindi
Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics in Hindi
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
दुर्योधन के मेवां त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
जूठे फल शबरी के खाए,
बहु विधि स्वाद बताई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यों,
भूल गये ठकुराई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाँच नचाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई,
सबसे ऊँची, प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई।
Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics in Hindi
Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics in Hindi