O Sathi Mere Song Lyrics in Hindi
आ हा हा…
आ हा हा…
ओ साथी मेरे..
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना
ओ साथी मेरे..
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना
चल न कहीं सपनो के गाँव रे
छूटे न फिर भी धरती से पाऊँ रे
आग और पानी से फिर लिख दे वह वादे सारे
साथ ही में रोये हांसे संग धुप छाँव रे
आग और पानी से फिर लिख दे वह वादे सारे
साथ ही में रोये हांसे संग धुप छाँव रे
ओ साथी मेरे..
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना
हम जो बिखरे कभी
तुमसे जो हम उधड़े कहीं
बन ले न फिर से हर धागा
हम तोह अधूरे यहां
तुम भी मगर पूरे कहाँ
करले अधूरेपन को हम आधा
जो अभी हमारा हो मीठा हो या खारा हो
आओ न कर ले हम सब साझा
ओ साथी मेरे..
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसी
की टूटे ये कभी ना
गहरी अँधेरी या उजले सवेरे हों
ये सारे तोह हैं तुम से ही
आँख में तेरी-मेरी उतरे इक साथ ही
दिन हो पतझर के रातें या फूलों के
कितना भी हम रूठे पर बात करें साथी
मौसम मौसम यूँही साथ चलेंगे हम
लम्बी इन् राहों में या फूँक के पाहों से
रखेंगे पाऊँ पे तेरे मरहम
आओ मिले हम इस तरह
आये न कभी विरह
हम से मैं न हो रहा
हमदम तुम ही हो
अब है यही दुआ…
साथी रे उम्र के सलवात भी साथ तहेंगे हम
गोद में लेके सर से चंडी चुनेंगे हम
मरना मर साथि बरसात जियेंगे हम
ओ साथी मेरे
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना
चल न कहीं सपनो के गाँव रे
छूटे न फिर भी धरती से पाऊँ रे
आग और पानी से फिर लिख दे वह वादे सारे
साथ ही में रोये हांसे संग धुप छाँव रे
आग और पानी से फिर लिख दे वह वादे सारे
साथ ही में रोये हांसे संग धुप छाँव रे
ओ साथी मेरे
हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरह दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना
कभी ना.
O Sathi Mere Song Lyrics in Hindi